समय की कीमत
समय अनमोल है। जो समय का महत्व जानते हैं, वे पल-पल समय का सदुपयोग करते हैं। इससे संसार में किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। यह मानव जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। परिश्रम से सफलता प्राप्त होती है, यह सत्य है, पर श्रम यदि समय पर न किया जाए, तो बेकार है। एक परिश्रमी किसान यदि समय पर बीज नहीं बोएगा, ' निश्चित समय पर खाद-पानी नहीं देगा, तो उससे फसल नहीं पकेगी। फसल को असमय काटने पर भी वह बर्बाद हो जाएगी। यानी समय पर किया गया कार्य ही सफलता दिलाता है।प्रकृति हमें समय पर काम करने की शिक्षा देती है। ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर, वसंत सभी ऋतुएं समय पर आती हैं और चली जाती हैं। समय पर सूर्योदय-सूर्यास्त होते हैं। समय पर पुष्प खिलते हैं। प्रकृति का क्रम यदि बिगड़ जाए, तो कठिनाइयां खंड़ी हो जाएंगी। महापुरुषों की सफलता का रहस्य इसी बात में है कि उन्होंने अपने जीवन के प्रत्येक क्षण का उपयोग किया, उसे अमूल्य संपत्ति समझा। वे प्रत्येक क्षण पूरी निष्ठा, लगन और परिश्रम से अपने काम में जुटे रहे। बीता हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता। जिसने समय की बर्बादी की, उसने जीवन की बर्बादी कर दी। कौन-कितने दिन जिया, इससे किसी व्यक्ति का मापन नहीं होता। व्यक्ति के मूल्यांकन की कसौटी यह है कि उसने अपने समय का कितना सही उपयोग किया है।आलसी व्यक्ति अवसर की प्रतीक्षा करते हैं। इंतजार में ही जीवन बीता देते हैं। वे यह नहीं समझते कि जीवन का प्रत्येक क्षण स्वर्णिम अवसर लेकर चुपचाप आता और उपयोग न करने पर दबे पांव लौट जाता है। जब-तक किसी क्षण का उपयोग न किया जाए, तब तक कैसे कहा जा सकता है कि वह समय किसी काम के लिए उपयुक्त नहीं। हर व्यक्ति के जीवन में परिवर्तनकारी समय आता है, पर वह उसके आने की आहट नहीं सुन पाता। अतः बुद्धिमानी इसी में है कि व्यक्ति हर क्षण को अमूल्य समझकर उसे व्यर्थ न गंवाए।
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